बुढ़ापे मेंं होने वाली बीमारियों से बचने के लिए व्यायाम व योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं: सिविल सर्जन

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नारनौल, 1 अक्तूबर। उम्र बढऩा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। बुढ़ापे मेंं होने वाली बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है अगर व्यायाम व योग आदि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाए। इसके अलावा अच्छी किताबें भी पढऩी चाहिए। यह विचार सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार की ने आज नागरिक अस्पताल में अंतरराष्टï्रीय वृद्धावस्था दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने बताया कि उम्र बढऩे के साथ शरीर में बाल सफेद होना, दृष्टि व श्रवण शक्ति कमजोर हो जाना, उम्र के साथ त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है और हड्डीयां कमजोर हो जाती हंै। उन्होंने बताया कि बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों से बचना भले ही असंभव प्रतीत हो किन्तु अपने शरीर का स्वस्थ रखने के कई रास्ते हैं। वृद्ध लोगों को व्यायाम करना, घूमना, योग करना , अखबार पढऩा चाहिए। वहीं जहां तक हो सके अपना काम भी खुद करने की कोशिश करनी चाहिए।
इस मौके पर डा. अश्वनी कुमार रोहिल्ला ने नागरिकों से आह्वान किया कि इन कार्यशैली को अपनाएंगे तो बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बुर्जुर्गों को कोविड-19 महामरी के चलते घर पर रहना चहिए और यदि किसी जरूरी कार्य से घर से बाहर जाना पड़े तो मुंह पर मास्क लगाएं तथा साबुन से बार-बार हाथ धोएं। इस महामारी में शुगर व हाई ब्लैड प्रसैर वाले मरीजों को विषेश सावधानी बरतनी चाहिए। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डा. आशा, नोडल अधिकारी एनसीडी डा. नरेन्द्र कुमार,  डा. केएम शर्मा, डा. धर्मेन्द्र सांगवान व अन्य डाक्टर व स्टॉफ  उपस्थित थे।

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