नारनौल 26 सितंबर। परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर परिजन 21 दिन के अंदर-अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र के फार्म भरकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सरपंचों व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकताओं को दें या सीधे तौर पर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में जाकर दें। मृत्यु का प्रमाण पत्र परिवार के सदस्यों को पैतृक सम्पत्ति आदि के बंटवारे व अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान जरूरी होता है। इसी प्रकार जन्म का पंजीकरण के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण पत्र के लिए पुलिस थानों में जाने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण के फार्म आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सरपंचों व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकताओं के पास उपलब्ध है। ये फार्म 21 दिन की अवधि में पूर्ण रूप से भर कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सरपंचों व बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को देना होता है या फिर सीधे तौर से ही यह फार्म भरकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी जमा करवाए जा सकते हैं।
डॉ अशोक कुमार ने बताया कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अंतर्गत स्थानीय रजिस्ट्रार के कार्यालय में परिवार में किसी के जन्म और मृत्यु को पंजीकृत करवाना अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एक अति आवश्यक एवं बहुउद्घेशीय दस्तावेज है जो जीवन में समय-समय पर अनेकों उद्देश्यों की पूर्ति करता है।
उन्होंने बताया कि अब जन्म-मृत्यु पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अब पुलिस थानों की बजाए जन्म-मृत्यु का पंजीकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों और नगरपालिका कार्यालयों में किया जा रहा है। इस दिशा में ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जा रहा है।
जन्म-मृत्यु पंजीकरण की निर्धारित 21 दिनों की समय अवधि के बाद 30 दिनों तक पंजीकरण रजिस्ट्रार की अनुमति तथा दो रुपये के विलम्ब शुल्क सहित करवाया जाता है। 30 दिनों से अधिक समय से विलम्बित घटना का पंजीकरण करने के लिए प्रार्थी को प्रार्थना पत्र सीधे रजिस्ट्रार को पूर्ण रूप से भरा हुआ सूचना फार्म, शपथ पत्र, विलम्ब शुल्क की रसीद, अनुपलब्धता प्रमाण पत्र, प्रार्थी के निवास से सम्बन्धित प्रमाण, जन्म-मृत्यु घटना की तारीख सम्बन्धी प्रमाण व रजिस्ट्रार की जांच रिपोर्ट आदि दस्तावेजों सहित देना होगा जिसे जिला रजिस्ट्रार की अनुमति के लिए भेजा जाता है।
यदि जन्म या मृत्यु सरकारी अस्पताल में हुई हो तो वही पर पंजीकरण होगा। यदि गैर सरकारी पंजीकृत अस्पताल में हुई हो तो नगर के नगर परिषद में पंजीकरण मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यह कागजात बहुत ही आवश्यक कागजात है। विदेशों में जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र का होना अति आवश्यक है । ऐसे में ग्रामीण इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ निश्चित अवधि के दौरान ही यह फार्म जमा करवाएं ताकि उन्हें यह प्रमाण पत्र बनवाने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।