
नारनौल : बीरबल की नगरी केवल इतिहास के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि इतिहास रचने के लिए भी तैयार है। आने वाले समय में यहां के युवाओं के सपनों को पंख लगने जा रहे हैं। नारनौल के बाछौद का एयरपोर्ट तेजी से तरक्की पर है।
सफलता की छलांग लगाने वालों के लिए इस एयरपोर्ट पर 25 हजार वर्ग फुट एरिया में ड्राप जोन बनकर तैयार हो गया है। इस जोन में दस हजार फुट ऊंचाई से स्काई डाइविग करने वाले पैराशूट के सहारे छलांग लगा सकेंगे। हरी भरी घास पर उनकी न केवल आसान लैंडिग हो सकेगी, बल्कि इससे पैराशूट के फटने का डर भी नहीं रहेगा। यह जोन विभाग द्वारा प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसके साथ ही यहां के हैंगर को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर दिया गया है। इस हैंगर का 16 टन वजनी गेट लगाया गया है, जो कि 100 गुणा 20 मीटर साइज का है। यह दरवाजा बिजली की दो मोटरों से संचालित होगा। पिछले एक साल में हरियाणा सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के एयरपोर्ट मैनेजर सुखबीर सिंह की अगुवाई में पिछले एक वर्ष में एयरपोर्ट पर बहुत सारी तकनीकी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
पक्षियों को हैंगर में जाने से रोकने के लिए एंटी बर्ड (पक्षी) नेटिग सिस्टम लगाया गया है। इसके साथ ही यह आग की सूचना देने के लिए रिमोट कंट्रोल सेंसर से लैश हो गया है। सुखबीर सिंह के अनुसार इन सुविधाओं वाला हरियाणा के पांच छोटे एयरपोर्ट में से सबसे पहला आधुनिक एयरपोर्ट बन गया है। इसके साथ ही आपात स्थिति के लिए 60 हजार लीटर क्षमता का पानी टैंक, पंप ऑपरेटर का कमरा, पुलिस चैक पोस्ट बनकर तैयार हो गया है।
पास से ही हो सकेगी एयरपोर्ट में एंट्री
नारनौल हवाई अड्डे को सुरक्षा की दृष्टि से भी मजबूत करने की कवायद शुरू हो चुकी है। मुख्य द्वार पर पुलिस पोस्ट बनाई जा चुकी है, साथ ही पास सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। सुखबीर सिंह बताते हैं कि जल्द ही पास बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद कोई भी व्यक्ति बगैर पास के एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
आधुनिक हेलीपैड भी किया तैयार
एयरपोर्ट पर हेलीपैड का भी आधुनिकीकरण किया गया है। इस पर टायर व बगैर टायर वाले दोनों ही प्रकार के हेलीकाप्टर आसानी से लैंड कर सकेंगे।