पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता: अमर दुबे को मार गिराया । राइट हैंड बब्बन शुक्ला का मिला सुराग, खुले ये राज।

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रिपोर्ट:-शेरसिंह यादव

कानपुर: आधी रात पुलिस ने भाऊपुर गांव में छापेमारी कर बब्बन के एक रिश्तेदार को हिरासत में लेते हुए कानपुर ले आई। उसी ने ये सारे राज उगले हैं। कल्यानपुर के भाऊपुर गांव में दो दिन पहले बिकरू गांव निवासी व मोस्ट वांटेड का गनर बब्बन शुक्ला रिश्तेदार के घर आया। पुलिस उसे पकड़ने के लिए घेराबंदी करती इसके पहले बब्बन रिश्तेदार की मदद से गंगा कटरी के रास्ते सुरक्षित निकल गया। कानपुर पुलिस बब्बन के दो रिश्तेदारों को हिरासत में लेते हुए साथ ले गई थी। सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए गए युवक ने कबूल किया कि उसके चाचा ने बब्बन शुक्ला को साथी संग सुरक्षित निकालने में मदद की है।
कौन है बब्बन शुक्ला
विकास दुबे का पड़ोसी और सबसे भरोसेमंद है ।
हर तरह के हथियार चलाने में माहिर बब्बन विकास के साथ क साए की तरह रहता था
घटना के बाद से बब्बन फरार है। पुलिस को उसकी लोकेशन फतेहपुर मिली थी l
पकड़े गए रिश्तेदार की मानें तो बब्बन रविवार रात आया था और बहुत परेशान था
काली बाइक से चल रहा है, पुलिस को आशंका है कि बब्बन अभी भी उन्नाव कटरी में छिपा है
डरा सा और बेचैन दिख रहा था गनर बब्बन
गनर के भाऊपुर गांव निवासी रिश्तेदारों ने बताया कि वह काले रंग की बाइक से शाम छह बजे चौबेपुर थाने के भौसाना निवासी अपने साले के साथ वहां पहुंचा था। दरवाजे पर ही चारपाई डालकर बैठने को कहा तो इंकार करते हुए घर के अंदर आकर बैठ गया। नाश्ता पानी करने के साथ वह करीब डेढ़ घंटे तक वहां रुका, इस दौरान वह काफी परेशान दिख रहा था। इसके बाद फोन पर किसी से बात की और फिर तेजी से निकल गया।
शातिरों के छिपने का ठिकाना है गंगा कटरी
भाऊपुर गांव कटरी क्षेत्र के ऐसे प्वाइंट पर बसा हुआ है जहां पर कोई भी आसानी से छिप सकता है। भाऊपुर गांव से लेकर गंगा कटरी तक में फैले लगभग पांच किलोमीटर में भयानक जंगल में दिन में भी लोग घुसने से डरते हैं। पूरे कटरी क्षेत्र में टीले और खाई हैं जिससे किसी को भी कुछ दूरी के बाद देख पाना सम्भव नहीं है। भाउपुर गांव और जंगल के बाद कुछ ऐसे गांव हैं जो गंगा के उस पार जनपद उन्नाव के क्षेत्र में आते है। इन गांवों में कभी अचानक उन्नाव पुलिस को आने की आवश्यकता पड़ती है तो या तो वह कई किलोमीटर कानुपर से पहुंच पाती है या फिर बक्सर घाट से होकर आना पड़ता है। ऐसी स्थिति में भी इन गांवो में शरण लेना किसी अपराधी सुरक्षित मानते हैं।


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