रिपोर्ट- गौरव रक्षक कंट्रोल रूम
सड़क सुरक्षा एवं कोविड–19 हेतु बचाव के उपायों में बहुत समानता है ।
1. कोरोना बचाव के लिए एक व्यक्ति की लम्बाई जितनी सामाजिक दूरी अति आवश्यक है , उसी प्रकार सड़क सुरक्षा हेतु वाहन चलाते समय अपने वाहन की लम्बाई जितनी दूरी रखना आवश्यक है ।
2. कोराना संक्रमण से बचाव के लिए जहां मास्क पहनना अनिवार्य है उसी प्रकार वायु प्रदूषण से बचने के टूव्हीलर पर हेलमेट जो कि आंख,नाक, कान एवं मुँह को कवर करता है तथा अन्य वाहनों में कवर करने वाले सुरक्षा उपकरण वायु प्रदूषण से होने वाली फेफडे, सांस,आँख की बीमारियों से बचाते है , एक रिपोर्ट के अनुसार देश में रोज़ाना लगभग 200 लोगों की मृत्यु वाहनों से निकले धुंए के कारण होने वाली बीमारियों से हो जाती है
3. कोराना संक्रमण से बचने के लिए यात्री वाहनों में बैठक क्षमता के अन्दर (50%-75% तक)यात्री बैठना अनिवार्य है यानि किसी भी स्थिति में क्षमता से अधिक यात्री नहीं बैठ सकते है जो सड़क सुरक्षा की दृष्टि से ओवर क्राउडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में यह कारक सिद्ध होगा
4. कोराना संक्रमण को रोकने के लिए बिना किसी विशेष कारण घर से निकलना मना है यानि Work from Home Culture से सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यातायात का दबाव कम होगा तो दुर्घटनाएँ कम होगी, प्रदूषण कम होगा । रोज़ाना देश में 413 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते है जो लॉक डाउन 1.0, 2.0 में यह आंकडा कुल 140 रहा, लेकिन लॉकडाउन 3.0, 4.0 में धीरे-धीरे बढ़ रहा है लेकिन गति बहुत धीमी है । इस चारों लॉकडाउन में लगभग 25000 सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें इस वर्ष नहीं हुई जिससे बीमा कम्पनियों को 1250 करोड़ मुवाअजा के साथ-साथ इतने सदस्यों के परिवार की जान बची ।
5.कोराना संक्रमण जहां अधिक उम्र के व्यक्ति तथा किडनी, हार्ट, डायबिटीज़ रोगियों को जल्दी होता है उसी प्रकार पुराने वाहन जिसमें मैकेनिकल डिफेक्ट हो उससे सड़क दुर्घटना होने का अंदेशा अधिक होता है ऐसे वाहन सही फ़िट होने पर सावधानी बरतते हुए ही सड़क पर उपयोग करना चाहिए
6. कोराना के लक्षण पाये जाने पर तत्काल अस्पताल जाँच कराया जाना अनिवार्य है उसी प्रकार वाहन में कोई यांत्रिक दोष पता लगने पर तुरन्त वाहन की जाँच करा कर रोग का पता कर उसे दूर करने का प्रयास करना चाहिए
7. कोराना जाँच में सहयोग करना चाहिए ताकि अन्वेषण से बीमारी के कारण का पता लग सके उसी प्रकार सड़क दुर्घटनाओं का तत्काल 30 मिनिट में साक्ष्य एकत्र कर वैज्ञानिक पद्धति से अन्वेषण कर वास्तविक कारण ज्ञात कर उपाय करने चाहिए
8. कोराना में लापरवाही करने पर यह तेज़ी से फैलता है उसी प्रकार सड़क पर लापरवाही न केवल स्वयं बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को मौत के मुँह में धकेल देती है ।
9. कोराना से बचने के लिए जागरूकता के साथ जुर्माने के साथ प्रभावी प्रवर्तन की आवश्यकता है उसी प्रकार सड़क सुरक्षा हेतु जागरूकता के साथ-साथ प्रभावी, पारदर्शी एवं व्यापक प्रवर्तन की आवश्यकता है ।
10. कोराना से बचने के लिए लोगों में स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुरक्षित का भाव विकसित किया जाना ज़रूरी है उसी प्रकार सड़क सुरक्षा हेतु स्वयं सड़क उपयोगकर्ता के साथ वाहन एवं सड़क को स्वच्छ, स्वस्थ के साथ सुरक्षित रखने का भाव विकसित किया जाना आवश्यक है ।
अत: सड़क सुरक्षा एवं कोविड सुरक्षा हेतु देश में केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर स्वच्छ भारत मिशन, स्वस्थ भारत मिशन की तर्ज़ पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं कोविड सुरक्षा मिशन चलाने की महति आवश्यकता है ।
डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़
ज़िला परिवहन अधिकारी, भीलवाडा
एवं संस्थापक राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी