जब प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर जवाब देना शुरू किया तो कांग्रेसी हो हल्ला के साथ बगलें झांकने लगे : संसद में संविधान पर बहस: राहुल गांधी सावरकर पर बोले, पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना

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जब प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पर जवाब देना शुरू किया तो कांग्रेसी हो हल्ला के साथ बगलें झांकने लगे :
संसद में संविधान पर बहस: राहुल गांधी सावरकर पर बोले, पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना

गौरव रक्षक/ न्यूज नेटवर्क
रविवार 15 दिसंबर l
कहते हैं सौ सुनार की एक लोहार की यही वाक्या कल लोकसभा में हुआ
शनिवार को लोकसभा में संविधान पर हुई बहस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को बगैर साबुन पानी के धो डाला l
मोदी ने अपने संबोधन में संविधान के अनुच्छेद 370 से लेकर यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड तक की चर्चा की l उन्होंने नाम लिए बग़ैर गांधी परिवार को निशाने पर लिया और कहा “कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.”

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में विनायक दामोदर सावरकर के एक लेख का हवाला देते हुए मोदी सरकार को घेरा. उन्होंंने जाति जनगणना और रिज़र्वेशन बढ़ाने का भी मुद्दा उठाया l

राहुल गांधी के संबोधन के बाद बीजेपी नेताओं ने उनके भाषण पर टिप्पणी की. संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी नेता किरेन रिजिजू ने सावरकर पर दिए उनके बयान को ग़लत बताया और सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज़ साझा किया l

वहीं बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि राहुल गांधी ने जब संसद में अपनी सरकार के पारित विधेयक को फाड़ दिया था, उसी दिन उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ा दी थीं l
संसद में संविधान पर बहस में शनिवार को राहुल गांधी के संबोधन के बाद पीएम मोदी का संबोधन हुआ l

पीएम मोदी के इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कांग्रेस पर तो निशाना साधा ही, सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं और अनुच्छेद 370 पर भी बात की l

उन्होंने गांधी परिवार का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने हर स्तर पर देश को चुनौती दी है.

उन्होंने कहा, “इसलिए 75 साल में 55 साल एक परिवार ने राज किया. इसलिए देश में क्या-क्या हुआ ये जानने का सबको अधिकार है.”

उन्होंने कहा, “1947 से 1952 तक इस देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी. चुनाव नहीं हुए थे, एक अंतरिम व्यवस्था के रूप में खाका खड़ा किया गया था. 1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था. राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश भी नहीं था.”

“उसके बावजूद 1951 में जब चुनी हुई सरकार नहीं थी, उन्होंने संविधान को बदला और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला किया गया. ये संविधान निर्माताओं का अपमान था.”

उन्होंने अपने संबोधन में जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम लिया और कहा कि क़रीब छह दशक में 75 बार संविधान बदला गया l

उन्होंने कहा, “जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था, उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया.”

“1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फै़सला आया था. उस फै़सले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में संविधान संशोधन किया गया था. उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.”

पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लेते हुए कहा, ”इंदिरा जी के चुनाव को गै़र नीति के कारण अदालत ने खारिज कर दिया और उनको एमपी पद छोड़ने की नौबत आई तो उन्होंने देश पर इमरजेंसी थोप दी, अपनी कुर्सी बचाने के लिए. इतना ही नहीं, 1975 में 39वां संशोधन किया, उसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के ख़िलाफ़ कोई कोर्ट में नहीं जा सकता.”

उन्होंने शाह बानो मामले का ज़िक्र किया और कहा, ”यहां बैठे कई दलों के मुखिया को भी जेलों में ठूंस दिया गया था. राजीव गांधी जी ने संविधान को एक और गंभीर झटका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो का जजमेंट दिया था. कोर्ट से एक वृद्ध महिला को उसका हक़ मिला था. राजीव गांधी ने शाह बानो की उस भावना को, सुप्रीम कोर्ट की उस भावना को, नकार दिया. उन्होंने वोट बैंक की राजनीति की ख़ातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया.”
पीएम मोदी ने कहा, ”न्याय के लिए तड़प रही एक महिला की बजाय उन्होंने कट्टरपंथियों का साथ दिया. संसद में क़ानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के फै़सले को एक बार फिर पलट दिया गया.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा उनकी सरकार देश में समान नागरिक संहिता लाने को कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, ”देश में समान नागरिक संहिता के विषय पर भी संविधान सभा में चर्चा हुई थी. बहस के बाद निर्णय लिया गया कि जो भी सरकार चुनकर आएगी वो इस पर निर्णय लेगी और इसे लागू करेगी. धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को ख़त्म करने की वकालत की गई.”

पीएम मोदी ने कहा, ”संविधान सभा की बहस में के.एम. मुंशी जी ने कहा था कि समान नागरिक संहिता को लाना राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अनिवार्य है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में यूनिफार्म सिविल कोड जल्द से जल्द लाना चाहिए. संविधान निर्माताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हम पूरी ताकत से समान नागरिक संहिता को लाने में लगे हुए हैं.”

सावरकर पर क्या बोले राहुल गांधी?

शनिवार को संसद में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने सावरकर का ज़िक्र किया और कहा, ”सावरकार ने लिखा है कि भारत के संविधान के बारे में सबसे ख़राब चीज़ ये है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है. वेदों के बाद मनुस्मृति वो ग्रंथ है जो हमारे हिंदू राष्ट्र के लिए सबसे पूजनीय है और ये प्राचीन समय से हमारी संस्कृति, रीति-रिवाज, विचार और व्यवहार का आधार बना हुआ है. आज मनुस्मृति क़ानून है.”

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने जो कहा वो सावरकर के शब्द हैं.

उन्होंने कहा, ”सावरकर ने अपने लेखन में साफ कर दिया है कि हमारे संविधान में भारतीयता का कोई अंश नहीं है. उन्होंने कहा है कि भारत को इस किताब (संविधान) से नहीं बल्कि इस किताब (मनुस्मृति) से चलाया जाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, ”आज इसी की लड़ाई है. मैं सत्ता पक्ष के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप सावरकर के शब्दों का समर्थन करते हैं. क्योंकि जब आप संविधान के पक्ष में संसद में बोलते हैं तो आप सावरकर का मजाक उड़ा रहे होते हैं, उनको बदनाम कर रहे होते हैं. ”

राहुल गांधी ने अन्य मुद्दों पर क्या कहा?

संसद में राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में सावरकर के अलावा अग्निवीर , पेपर लीक, किसानों और उत्तर प्रदेश के बारे में भी कहा.

उन्होंने कहा, ”आप महात्मा गांधी, पेरियार और दूसरे महान नेताओं की तारीफ़ करते हैं लेकिन हिचकिचाते हुए. सच तो ये है कि आप भारत को उसी तरह से चलाना चाहते हैं जैसे पहले चलाया जाता था.”

राहुल गांधी ने महाभारत के पात्र एकलव्य का ज़िक्र किया और कहा, ”जैसे एकलव्य ने तैयारी की थी, वैसे ही हिंदुस्तान के युवा सुबह उठकर अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. लेकिन जब आपने अग्निवीर लागू किया, तब आपने उन युवाओं की उंगली काटी. जब पेपर लीक होता है, तब आप युवाओं का अंगूठा काटते हैं.”

उन्होंने दिल्ली की सरहदों के पास किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में कहा, ”आज आपने किसानों पर आंसू गैस चलाया है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करते हैं, लेकिन आप अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हैं.”

राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद हैं. उन्होंने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर भी निशाना साधा.

उन्होंने हाथरस गैंगरेप का मामला उठाते हुए कहा, ”कुछ दिन दिन पहले मैं हाथरस गया. हाथरस में चार साल पहले एक लड़की का गैंग रेप हुआ. जिन्होंने गैंगरेप किया, आज वह बाहर घूम रहे हैं, जबकि लड़की का परिवार अपने घर में बंद है. परिवार ने मुझे बताया कि हमें बेटी का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया और सीएम ने इसके बारे में झूठ बोला है.”

उन्होंने तंज सकते हुए कहा, ”यूपी में संविधान नहीं लागू होता है, वहां पर मनुस्मृति लागू हो रही है. परिवार ने मुझे बताया कि यूपी सरकार ने उनसे वादा किया था कि हम आपको कहीं और रहने की जमीन देंगे, लेकिन चार साल होने के बाद भी ये वादा पूरा नहीं किया गया.”

उन्होंने कहा, ”मैं यह कहना चाहता हूं कि इंडिया गठबंधन संविधान को मानने वाले लोग हैं. अगर सरकार पीड़ित परिवार को री-लोकेट नहीं करेगी तो हम सब मिलकर उस परिवार का री-लोकेशन करेंगे.”

संसद में भारतीय संविधान और मनुस्मृति दिखाते राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अपने भाषण में आरक्षण का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा तोड़ दी जाएगी.

उन्होंने संसद में दिए अपने संबोधन में जाति जनगणना कराने भी वादा किया.

उन्होंने कहा, ”हम जाति जनगणना कराएंगे. आंबेडकर जी ने कहा था कि अगर देश आर्थिक और सामाजिक समानता नहीं है तो राजनीतिक समानता भी ख़तरे में पड़ जाएगी. आज हालात सबसे सामने हैं. राजनीतिक बराबरी ख़त्म हो चुकी है. अब सामाजिक समानता नहीं रह गई है. आर्थिक समानता भी नहीं है. इसलिए हमारा अगला कदम जाति जनगणना कराना होगा.”

संसद में राहुल गांधी के भाषण के बाद वकील गोपाल शंकर नारायण की लिखी किताब दिखाते बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर

राहुल के भाषण के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर जवाबी हमले किए.

बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ”राहुल गांधी वह दिन भूल गए हैं जब उन्होंने खुद मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली अपनी सरकार के पारित विधेयक को फाड़ दिया था. राहुल गांधी ने उसी दिन संविधान की धज्जियां उड़ा दी थीं.”

वहीं हिमाचल के हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, “पिछली बार मैंने विपक्षी सांसदों से पूछा था कि जो संविधान आप लेकर चलते हैं उसमें कितने पन्ने हैं. कोई भी नहीं बता पाया.”

अनुराग ठाकुर ने तंज कसते हुए संसद में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण की किताब दिखाई और कहा कि, “उन्होंने लिखा है कि संविधान देश के बुद्धिमान लोगों ने बनाया है. लेकिन शुक्र है कि इसमें नेहरुवियन सोच का प्रभाव नहीं था.”

बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लिया.

उन्होंने कहा, ”राहुल गांधी को शायद इतिहास का ज्ञान नहीं है. उनके खानदान में कई बार संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं. कांग्रेस ने जब भी संविधान का सहारा लिया तो तानाशाही के लिए लिया.”

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सावरकर पर दिए राहुल गांधी के बयान को ग़लत बताया है.

उन्होंने सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज़ भी साझा किया है जिसके मुताबिक़, साल 1980 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सावरकर को जन्म के 100 साल पूरे होने से ठीक एक दिन पहले उन्हें ‘भारत का एक सपूत’ कहा था l

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