आपको मिलेगा आपकी राशि का भाग्यफल आज के संपूर्ण मुहूर्त के साथ 🌞🌞
आज का पंचांग
🕉 31 अक्टूबर 2024
🕉️ पुरानी दिल्ली भारत
🕉️ चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष
🕉️ कार्तिक
🕉️ नरक चतुर्दशी, दीपावली
🔱तिथि चतुर्दशी 15:52:20
🔱पक्ष कृष्ण
🔱नक्षत्र चित्रा 24:43:42
🔱योग विश्कुम्भ 09:49:31
🔱करण शकुनी 15:52:20
🔱करण चतुष्पद 29:06:18
🔱वार गुरूवार
🕉️ माह
🔱(अमावस्यांत) आश्विन
🔱(पूर्णिमांत) कार्तिक
🔱चन्द्र राशि कन्या 11:14:38
🔱चन्द्र राशि तुला 11:14:38
🔱सूर्य राशि तुला
🔱रितु हेमंत
🔱आयन दक्षिणायण
🔱संवत्सर क्रोधी
🔱संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🔱विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔱गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
🔱शक संवत 1946 शक संवत
🔱कलि संवत 5125 कलि संवत
🔱सौर प्रविष्टे 15, कार्तिक
🕉️ भारत
🔱सूर्योदय 06:37:18
🔱सूर्यास्त 17:43:09
🔱दिन काल 11:05:51
🔱रात्री काल 12:54:48
🔱चंद्रास्त 16:58:23
🔱चंद्रोदय 30:17:01
🔱सूर्योदय लग्न तुला 13°54′ , 193°54′
🔱सूर्य नक्षत्र स्वाति
🔱चन्द्र नक्षत्र चित्रा
🕉️ पद, चरण
🔱2 पो चित्रा 11:14:38
🔱3 रा चित्रा 17:59:35
🔱4 री चित्रा 24:43:42
🕉️ मुहूर्त
🔱राहू काल 13:33 – 14:57 अशुभ
🔱यम घंटा 06:37 – 08:01 अशुभ
🔱गुली काल 09:24 – 10:47
🔱अभिजित 11:48 – 12:32 शुभ
🔱दूर मुहूर्त 10:19 – 11:04 अशुभ
🔱दूर मुहूर्त 14:46 – 15:30 अशुभ
🔱वर्ज्यम 06:44 – 08:32 अशुभ
🔱प्रदोष 17:43 – 20:19 शुभ
🕉️ चोघडिया, दिन
🔱शुभ 06:37 – 08:01 शुभ
🔱रोग 08:01 – 09:24 अशुभ
🔱उद्वेग 09:24 – 10:47 अशुभ
🔱चर 10:47 – 12:10 शुभ
🔱लाभ 12:10 – 13:33 शुभ
🔱अमृत 13:33 – 14:57 शुभ
🔱काल 14:57 – 16:20 अशुभ
🔱शुभ 16:20 – 17:43 शुभ
🕉️ चोघडिया, रात
🔱अमृत 17:43 – 19:20 शुभ
🔱चर 19:20 – 20:57 शुभ
🔱रोग 20:57 – 22:34 अशुभ
🔱काल 22:34 – 24:11 अशुभ
🔱लाभ 24:11 – 25:47 शुभ
🔱उद्वेग 25:47 – 27:24 अशुभ
🔱शुभ 27:24 – 29:01 शुभ
🔱अमृत 29:01 – 30:38 शुभ
🕉️निर्णय सागर पंचांग के अनुसार🕉️
🚩दीपावली निर्णय सूत्र संवत्🚩 २०८१- दि.१.११.२०२४
दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रदोषव्यापिनी अमावस्या को मनाई जाती है। इस वर्ष संवत् २०८१ में कार्तिक अमावस्या ३१.१०.२४ गुरूवार को दिवा ०३:५४ से प्रारंभ होकर अगले दिन ०१.११.२४ शुक्रवार को सायं ०६:१७ पर समाप्त हो जाएगी। इस स्थिति में अमावस्या तिथि दो दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद लगभग १४४ मिनिट का समय) में व्याप्त है, धर्मशास्त्र का स्पष्ट निर्देश है- यदि दो दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन वाली अमावस्या में ही दीपावली का पर्व मनाया जाना शास्त्रसम्मत है। इस तर्क के पीछे पितृ कार्य भी है, पितृ देव पूजन करने के बाद ही लक्ष्मी पूजन करना उचित है, पितृ देव पूजन से तात्पर्य है प्रातः काल में अभ्यंग स्नान, देव पूजन और अपरान्ह में पार्वण कर्म, यदि दीपावली एक दिन पूर्व मनाई जाए तो यह सभी कर्म लक्ष्मी पूजन के बाद होंगे जो कि विपरीत दिशा-निर्देश है, अपितु यह शास्त्रोक्त नहीं रहेगा अतः दूसरे दिन ही दीपावली का पर्व शास्त्र नियम के अधीन उचित रहेगा।
निर्णय सिंधु प्रथम परिच्छेद के पृष्ठ २६ पर निर्देश है कि जब तिथि दो दिन कर्मकाल में विद्यमान हो तो निर्णय युग्मानुसार करें। इस हेतु अमावस्या प्रतिपदा का युग्म शुभ माना गया है। अर्थात् अमावस्या को प्रतिपदा युता ग्रहण करना महाफलदायी होता है और लिखा है कि उल्टा होय (अर्थात् पहले दिन चतुर्दशी युता अमावस्या ग्रहण की जावे) तो महादोष है और पूर्व किये पुण्यों को नष्ट करता है। दीपावली निर्णय प्रकरण में धर्मसिंधु में लेख है कि “तत्र सूर्योदयं व्याप्यास्तोत्तरं घटिकादिक रात्रि व्यापिनी दर्शे न संदेहः” अर्थात् यहाँ सूर्योदय में व्याप्त होकर अस्तकाल के उपरांत एक घटिका से अधिक व्यापी अमावस्या होवे तब संदेह नहीं है, तदनुसार १ नवम्बर को दूसरे दिन सूर्योदय में व्याप्त होकर सूर्यास्त के बाद प्रदोष में एक घटी से अधिक विद्यमान है। निर्णय सिंधु के द्वितीय परिच्छेद के पृष्ठ ३०० पर लेख है कि “दण्डैक रजनी योगे दर्शः स्यात्तु परेऽहवि। तदा विहाये पूर्वे द्युः परेऽहनि सुख्खरात्रिकाः” अर्थात् यदि अमावस्या दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी होवे तो अगली करना कारण कि तिथि तत्व तत्व में ज्योतिषी का कथन है कि। एक घड़ी रात्रि का योग होवे तो अमावस्या दुसरे दिन होती है, तब प्रथम दिन छोड़कर अगले दिन सुखरात्रि होती है। तिथि निर्णय का कथन उल्लेखनीय है कि “ड्यं प्रदोष व्यापनि साह्या, दिन द्वये सत्वाऽसत्वे परा” अर्थात् यदि अमावस्या दोनों दिन प्रदोष को स्पर्श न करें तो दूसरे दिन ही लक्ष्मी पूजन करना चाहिए, इसमें यह अर्थ भी अंतरनिहित है कि अमावस्या दोनों दिन प्रदोष को स्पर्श करें तो लक्ष्मी पूजन दूसरे दिन ही करना चाहिए । व्रत पर्व विवेक में दीपावली के सम्बंध में अंत में निर्णय प्रतिपादित करते हुए लिखा है कि अमावस्या के दो दिन प्रदोष काल में व्याप्त / अव्याप्त होने पर दूसरे दिन लक्ष्मी पूजन होगा। इस प्रकार उपरोक्त सभी प्रमुख ग्रंथों का सार यह है कि यदि अमावस्या दूसरे दिन प्रदोष काल में एक घटी से अधिक व्याप्त है तो प्रथम दिन प्रदोष में सम्पूर्ण व्याप्ति को छोड़कर दूसरे दिन प्रदोषकाल में श्री महालक्ष्मी पूजन करना चाहिए, किन्तु कहीं भी ऐसा लेख नहीं मिलता कि दो दिन प्रदोष में व्याप्ति है तो अधिक व्याप्ति वाले प्रथम दिन लक्ष्मी पूजन किया जाये। प्रतिपदा युता अमावस्या ग्रहण किये जाने का युग्म का जो निर्देश है, उसके अनुसार भी प्रदोष का स्पर्श मात्र ही पर्याप्त है यदि एक घटी से कम व्याप्ति होने के कारण प्रथम दिन ग्रहण किया जाता है तो वह युग्म व्यवस्था का उल्लंघन होकर महादोष होगा। उपरोक्त सभी शास्त्रोक्त आधारबिंदु का विचार करते हुए यह निर्णय लिया जाना शाख सम्मत है कि १ नवम्बर २०२४ को श्री महालक्ष्मी पूजन (दीपोत्सव पर्व) उचित होगा इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त उपरांत विद्यमान होने से अमावस्या साकल्या पादिता तिथि होगी जो सम्पूर्ण रात्रि और अगले सूर्योदय तक विद्यमान मानी जाकर सम्पूर्ण प्रदोषकाल, वृष लग्र व निशीथ में सिंह लग्न में लक्ष्मी पूजन के लिए प्रशस्त होगी। दृश्य गणित से निर्मित होने वाले सभी पंचांगों में १ नवम्बर २०२४ को ही लक्ष्मी पूजन का निर्णय शास्त्र सम्मत है।
🕉 31 अक्टूबर आज का राशि फल🕉
🐏 मेष (Aries): आज के दिन आप थकान, आलस्य और व्यग्रता का अनुभव करेंगे। आपको आज स्फूर्ति नहीं लगेगी। बात-बात में क्रोध आएगा जिससे आपका कार्य न बिगड़े या नौकरी, व्यापार के स्थान या घर में किसी को दुःख न पहुंचे इसका ध्यान रखें।
🐂 वृषभ (Tauras): आज आप शारीरिक तथा मानसिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव करेंगे, किसी नए कार्य का प्रारंभ न करने की सलाह है। खान-पान में विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है। संभव हो तो प्रवास टालें। आप निश्चित समय में अपना कार्य पूर्ण नहीं कर पाएंगे।
👭 मिथुन (Gemini): आज के दिन आप मनोरंजन तथा आनंद-प्रमोद में व्यस्त रहेंगे। मित्रों और परिजनों के साथ आनंदित वातावरण में दिन बिता पाएंगे। सामाजिक रूप से सम्मान और प्रसिद्धि भी प्राप्त कर सकेंगे। दांपत्य जीवन में सुख मिलेगा।
🦀 कर्क (Cancer): आज का दिन आपके लिए आनंददायक सफलता प्रदान करनेवाला होगा। परिजनों के साथ समय सुखपूर्वक बीतेगा। आवश्यक कार्य में खर्च होगा। फिर भी आर्थिक लाभ के लिए अच्छा दिन है। नौकरी करनेवालों के लिए कार्यालय में आज वातावरण अनुकूल रहेगा।
🦁 सिंह (Leo): आज आपका शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। सृजनात्मक कार्य सुंदर तरीके से संपन्न होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। मित्रों के साथ भेंट आनंददायी होगी। धार्मिक परोपकार का कार्य आप करेंगे।
👧 कन्या (Virgo): आज के दिन समय अनुकूल नहीं है, कई बातों को लेकर आपको चिंता रहेगी, जिससे आप शारीरिक तथा मानसिक रूप से अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ अनबन होगी। मां का स्वास्थ्य बिगड़ेगा। किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने में ध्यान रखें। धन का खर्च होगा।
⚖ तुला (Libra): भाग्यवृद्धि होनेवाली है आज के दिन, भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे। किसी धार्मिक प्रवास का आयोजन हो सकता है। नए कार्य के प्रारंभ के लिए शुभ दिन है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। विदेश से शुभ समाचार मिलेंगे। हितशत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है। सम्मान प्राप्त होगा।
🦂 वृश्चिक (Scorpio): आज का दिन आपके लिए मध्यम फलदायी है। अनावश्यक खर्च पर अंकुश रखें। वाणी पर संयम रखने से परिवार में सुख-शांति बना पाएंगे। विचारों पर नकारात्मकता छाई रहेगी, जिसे दूर करें। धार्मिक कार्य हेतु खर्च हो सकता है।
🏹 धनु (Sagittarius): आज के दिन निर्धारित किए हुए कार्य पूर्ण होंगे। लक्ष्मीजी की कृपा रहेगी। शारीरिक तथा मानसिक स्वस्थता आपको प्रसन्न रखेगी। किसी यात्रा स्थल पर प्रवास होने की संभावना है। स्वजनों के मिलने से मन आनंदित रहेगा। निकट के स्नेहीजनों के यहां शुभ प्रसंग में उपस्थित रहेंगे। यश-कीर्ति में वृद्धि होगी।
🐊 मकर (Capricorn): आज मन अस्वस्थ रहेगा। धार्मिक, सामाजिक कार्यों में धन का खर्च होगा। स्वजन और मित्रों के साथ अनबन होगी। धन हानि और मानहानि का योग है। आज आपका आध्यात्मिकता की ओर रुझान अधिक रहेगा। कोर्ट-कचहरी के कार्य में असफलता मिलेगी। वाणी पर संयम रखें।
⚱ कुंभ (Aquarius): इस समय मिलनेवाले लाभों से आपका आनंद दोगुना हो जाएगा। नए कार्य के आयोजन के लिए कार्य का प्रारंभ शुभ सिद्ध होगा। व्यापारियों को विशेष लाभ होगा। सामाजिक क्षेत्र में कीर्ति मिलेगी। संतान के साथ बेहतर होगा। आय बढ़ेगी। प्रवास का आयोजन होगा।
🧜🏻♀️मीन: आज का दिन आपके लिए खर्चो भरा रहने वाला है। आप धार्मिक कार्यो पर अच्छा खर्च करेंगे और आपकी साख व सम्मान में वृद्धि होगी। आप जिस काम में हाथ डालेंगे, उसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आपका धन यदि कहीं रुका हुआ था, तो वह भी आपको मिल सकता है। आप दिल से लोगों का भला सोचेंगे, लेकिन लोग इसे आपका स्वार्थ समझ सकते हैं। आपके मन में किसी बात को लेकर निराशा रहेगी। संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी। आपको अपने पिताजी से कोई बात बहुत ही सोच समझ कर बोलनी होगी।
🕉️ज्योतिषाचार्य : डॉ. पंडित चंद्रभूषण व्यास (स्वर्ण पदक से सम्मानित) का दीपावली लक्ष्मी पूजन का मत🕉️