देश आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं,जन जन की सेवा से विकसित भारत बनाएंगे, हमने देश को नया आत्मविश्वास दिया, अगली पीढ़ी पर काम नहीं टाल सकते

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देश आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं,जन जन की सेवा से विकसित भारत बनाएंगे, हमने देश को नया आत्मविश्वास दिया, अगली पीढ़ी पर काम नहीं टाल सकते

गौरव रक्षक/रविशंकर
न्यू दिल्ली 15 अगस्त l

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार दिल्ली के लाल किले पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया। इस दौरान लाल किले की प्राचीर से उन्होंने हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिनंदन किया। ‘भारत माता की जय’ के साथ पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जन-जन की सेवा करना हमारा संकल्प है। जन जन की सेवा से विकसित भारत बनाएंगे। हमने देश को नया आत्मविश्वास दिया। अगली पीढ़ी पर काम नहीं टाल सकते। आज आजादी के दीवानों को नमन करने का दिन है।

स्वतंत्रता सेनानियों का तहे दिल से नमन है। पीएम मोदी ने लाल किले से संबोधन में कहा की मेरे प्यारे देशवासियों… लाल किले से पीएम मोदी का संबोधन
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों, आज जो महानुभाव राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण के लिए पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा कर रहे हैं, ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। चाहे वे किसान हों, जवान हों, हमारे नौजवानों का हौसला हो, दलित हो पीड़ित हों, वंचित हों… लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा पूरे विश्व के लिए एक प्रेरक घटना है। मैं आज ऐसे सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।’ ‘प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती जा रही’ लाल किला से पीएम मोदी ने कहा, ‘प्यारे देशवासियो, इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हम सबकी चिंता बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं। संपत्ति खोई है। राष्ट्र ने भी नुकसान झेला है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।

हमारे पूर्वजों पर हमें गर्व है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हम जरा आजादी से पहले के वे दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, बुजुर्ग हो, किसान हो, महिला हो, आदिवासी हो… वे गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। 1857 से पहले भी कई आदिवासी क्षेत्रों में आजादी के लिए जंग लड़ी जा रही थी। गुलामी का इतना लंबा कालखंड, जुल्मी शासक, अपरंपार यातनाएं, सामान्य से सामान्य मानव का विश्वास तोड़ने की हर तरकीबें लेकिन इसके बावजूद भी उस समय की आबादी के हिसाब से 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, सामर्थ्य दिखाया, एक सपना लेकर चले, एक संकल्प लेकर चलते रहे। एक ही श्रद्धा था वंदेमातरम। एक ही सपना था आजादी का। हमें गर्व है वे हमारे पूर्वज थे। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया था। गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया था।

‘2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर हमारे पूर्वज जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम तो 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं। कदम से कदम और कंधा से कंधा मिलाकर चल सकते हैं तब चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, अभाव की मात्रा कितनी ही तीव्र क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तब भी हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं। हम 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ से आजादी दे सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी उसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं-
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज ये समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। साथियो, विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और हमने देशवासियों से सुझाव मांगे। हमें प्रसन्नता है कि देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत 2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं।

हर देशवासी का सपना, संकल्प इसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा, तबतक विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- विकसित भारत के लिए सरकार ने आम नागरिकों से सुझाव मांगा और लोगों ने ये सुझाव दिए-भारत को दुनिया का स्किल कैपिटल बने भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बने

भारतीय यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बनें
भारत का मीडिया ग्लोबल बने
भारत के स्किल्ड युवा विश्व की पहली पसंद बनें
भारत जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने
सुपरफूड को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है, विश्व को पोषण देकर भारत के छोटे किसानों को समृद्ध बनाया जाए
छोटी इकाइयों में के शासन-प्रशासन को दुरुस्त किया जाए
न्याय में विलंब हो रहा है, यह चिंताजनक है; हमारे देश की न्याय व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है
बढ़ती आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन के लिए अभियान चले
अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन बने
भारत की पारंपरिक औषधियां और वेलनेस हब के रूप में विकसित हो
भारत को जल्द से जल्द तीसरी बड़ी इकॉनमी बननी चाहिए

हर सेक्टर में आधुनिक सिस्टम बन रहा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ लोगों ने कहा कि दुनिया का स्किल कैपिटल का सुझाव हमारे सामने रखा। 2047 विकसित भारत के लिए कुछ लोगों ने भारत को मैन्यूफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने भारत की हमारी यूनिवर्सिटी को ग्लोबल बनाने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने मीडिया ग्लोबल करने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने ये भी कहा कि हमारा स्किल्ड युवा विश्व की पहली पसंद बनना चाहिए। भारत को जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहिए। कुछ ने सुझाव दिया कि हमारे किसान जिस मोटे अनाज को उगाते हैं, उस श्री अन्न को, उस सुपर फूड को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है। हमें विश्व के पोषण को भी बल देना है और भारत के छोटे किसानों को भी मजबूती देनी है।’ देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत बना सकती है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक समय था कि लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे. आज समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का… अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। कई लोगों ने सुझाव दिया कि देश में स्थानीय स्वराज की इकाइयों में सुधार की जरूरत है। कई लोगों ने न्याय में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। कई लोगों ने लिखा कि कई ग्रीन फील्ड सिटी बनाना समय की मांग है। शासन-प्रशासन में कपैसिटी बिल्डिंग बढ़ाने का सुझाव दिया। अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन जल्द से जल्द बनना चाहिए। किसी ने कहा कि भारत को पारंपरिक चिकित्सा के हब के तौर पर विकसित होना चाहिए। किसी ने कहा कि भारत को जल्द से जल्द तीसरे नंबर की इकॉनमी बननी चाहिए। ये देश के सामान्य नागरिकों ने हमें सुझाव दिए हैं। जब देशवासियों की सोच इतनी विशाल हो, देशवासियों के इतने बड़े सपने हों, बातों में संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया संकल्प दृढ़ बन जाता है। आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।’

साफ नीति और नीयत ने विकास को छलांग दी- पीएम

पीएम मोदी ने कहा, ‘देशवासियों का ये भरोसा सिर्फ इंटेलेक्चुअल डिबेट नहीं है, ये अनुभव से निकला है। ये विश्वास लंबे कालखंड के परिश्रम की पैदावार है। इसलिए देश का सामान्य नागरिक याद करता है कि जब लाल किले से कहा जाता है कि देश के 18 हजार गांवों में समयसीमा में बिजली पहुंचाएंगे और वो काम हो जाता है तब ये भरोसा मजबूत हो जाता है। जब ये तय होता है कि आजादी के इतने सालों के बाद भी ढाई करोड़ परिवार ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है, अंधेरे में हैं, उन ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है तो ये भरोसा बढ़ जाता है। जब लालकिले से स्वच्छ भारत की बात कही जाए तब देश की अग्रिम पंक्ति में बैठे लोग हों, गांव के लोग हों, गरीब बस्ती में रहने वाले लोग हों, हर परिवार में स्वच्छता का वातावरण बन जाए, चर्चा हो तब मैं समझता हूं कि ये भारत में आई हुई नई चेतना का प्रतिबिंब है।’ ‘वोकल फॉर लोकल अर्थतंत्र के लिए नया मंत्र बन गया’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब देश के सामने लाल किले से कहा जाए कि आज 3 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है। ये कहा जाए कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल से जल पहुंचे तो इतने कम समय में 12 करोड़ और परिवारों तक नल से जल पहुंच रहा है। आज 15 करोड़ परिवारों तक नल से जल पहुंचा है। ये लोग कौन हैं, कौन पीछे रह गए थे, मेरे दलित, मेरे पीड़ित, शोषित, आदिवासी, गरीब, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी गुजारने वाले लोग ही तो इन चीजों के अभाव में जी रहे थे। मैंने इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रयास किया, इसका परिणाम हमारे इन सारे समाज के लोगों को मिला है। हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया था, आज हमें खुशी है कि वोकल फॉर लोकल अर्थतंत्र के लिए नया मंत्र बन गया है। हर डिस्ट्रिक्ट अपने पैदावार पर गर्व करने लगा है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट का माहौल बना है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट को अब वन डिस्ट्रिक्ट का वन प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कैसे हो, उस दिशा में हर जिले सोचने लगे हैं।’ अनावश्यक कानूनों का हमने खत्म किया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लाल किले से अपनी सरकार के किए गए कार्यों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि रीन्यूएबल एनर्जी का संकल्प लिया था। जी-20 के देशों ने जितना किया है, उससे ज्यादा भारत ने किया है। और भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए, ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंताओं से मुक्ति पाने के लिए हमने काम किया है। देश गर्व करता है आज जब फिनटेक की सफलता को लेकर पूरा विश्व भारत से कुछ सीखना-समझना चाहता है तब हमारा ये गर्व और बढ़ जाता है। आपने जो मुझे तीसरी बार आशीर्वाद दिया… पीएम मोदी ने बताया टारगेट
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ। कभी आतंकवादी हमारे देश में आकर हमें मारकर चले जाते थे, जब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक करती है, जब देश की सेना एयर स्ट्राइक करती है तो देश के नौजवानों का सीना गर्व से भर जाता है। देश गर्व करता है आज जब फिनटेक की सफलता को लेकर पूरा विश्व भारत से कुछ सीखना-समझना चाहता है तब हमारा ये गर्व और बढ़ जाता है। आपने जो मुझे तीसरी बार आशीर्वाद दिया है उसमें सिर्फ एक संदेश है जन-जन की सेवा, जो हो गया है उससे संतोष मान कर बैठने वालों में हम नहीं है। पीएम मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में रिफॉर्म का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि जब रिफॉर्म की बात आती है तो एक लंबा परिवेश है। अगर चर्चा में लग जाऊं तो घंटों निकल जाएंगे। बैंकिंग क्षेत्र में रिफॉर्म को ही देख लीजिए। आप सोचिए, बैंकिंग क्षेत्र का क्या हाल था। न विकास होता था, न विस्तार होता था, न विश्वास बढ़ता था। इतना ही नहीं, जिस प्रकार के कारनामे चले उसके कारण हमारे बैंक संकट से गुजर रहे थे। हमने संकट से उबारने के लिए कई रिफॉर्म करे और आज उसके कारण हमारे बैंक देश के कुछ गिने-चुने मजबूत बैंकों में अपना स्थान बनाया। जब बैंक मजबूत होते हैं तो फॉर्मल इकॉनमी की ताकत बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश को आजादी तो मिली लेकिन एक प्रकार से माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा। सरकार के पास मांगते रहो, हाथ फैलाते रहो, सिफारिश के रास्ते खोजते रहो, वही कल्चर डिवेलप होता था। हमने इस कल्चर को बदला है। हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थी-हितार्थी के पास जाती है। आज सरकार खुद उसके घर जाती है, गैस का चूल्हा पहुंचाती है। उसके घर पानी पहुंचाती है। बिजली पहुंचाती है। आज सरकार खुद उसे आर्थिक मदद देकर विकास के नए आयामों को छूने के लिए प्रेरित करती है। आज सरकार खुद नौजवान के स्किल डिवेलपमेंट के लिए अनेक कदम उठा रही है। हमारी सरकार बड़े रिफॉर्म के लिए प्रतिबद्ध है। राजघाट पर पीएम मोदी ने बापू को दी श्रद्धांजलि
इससे पहले पीएम मोदी सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री लाल किले पर पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की।

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