सिविलियन बनकर पुलिस कमिश्नर रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचे, कॉन्स्टेबल ने हड़का दिया !

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अहमदाबाद के JCP गौतम परमार(बाएं) | दोनों फ़ाइल फोटो:

सिविलियन बनकर पुलिस कमिश्नर रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचे, कॉन्स्टेबल ने हड़का दिया !
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
16 मार्च, अहमदाबाद

अगर हमारे देश का हर पुलिस अधिकारी इसी नजरिए के साथ काम करने लगे तो जो चंद पुलिस वाले हैं जो आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं उसमें निश्चित रूप से सुधार हो जाएगा ।

हमारे देश में कानून और खासकर पुलिस को उस भरोसे के साथ देखा जाता है कि भले ही किसी के साथ कितना गलत क्यों ना हुआ हो, उसे पुलिस और कानून से न्याय जरूर मिलेगा. लेकिन, अक्सर सुनते हैं कि आम आदमी इस कानून की जटिलता और पुलिस के रवैये से परेशान होकर कई बार अपनी रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाता या पुलिस स्टेशन तक नहीं जाता. लेकिन, अहमदाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (JCP) गौतम परमार ने जो किया, वो शायद पुलिस पर आम आदमी का भरोसा बढ़ा देगा. साथ ही यह आम लोगों को परेशान करने वाले पुलिस वालों को भी संदेश देगा कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता.
दरअसल, बुधवार, 16 मार्च को JCP गौतम परमार सामान्य कपड़ों में एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ अहमदाबाद के अमराईवाड़ी पुलिस थाने पहुंचे.  मिली जानकारी के अनुसार गौतम परमार ने अपनी पहचान बताए बिना यहां मौजूद पुलिस कॉन्स्टेबल को कहा कि उनके साथ आई महिला उनकी भांजी है और उसका पति उसके साथ मारपीट करता है और इसलिए उसे अपने पति के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज करानी है. पुलिस कॉन्स्टेबल ने कहा कि यहां क्यों कम्प्लेन दे रहे हो, इस महिला का मायका भावनगर में है, कम्प्लेन भावनगर में जाकर दीजिए.
इसके बाद गौतम परमार ने ड्यूटी पर मौजूद कॉन्स्टेबल को कहा कि कम्प्लेन यहीं दर्ज कीजिये. लेकिन कॉन्स्टेबल लेने से इन्कार कर दिया. कॉन्स्टेबल ने कहा कि मारपीट हुई है तो इलाज कराने का सर्टिफिकेट लेकर आइए या फिर चार ऐसे गवाह लेकर आइए, जो कहें कि उन्होंने मारपीट देखी है. गोपी मनिआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार गौतम परमार ने एक आम आदमी की तरह कॉन्स्टेबल से विनती की, लेकिन पुलिस कॉन्स्टेबल ने कम्प्लेन नहीं दर्ज की. इसके बाद गौतम परमार ने एसीपी को बुलाया और तुरंत ही पुलिस कॉन्स्टेबल को सस्पेंड करने के आदेश दिए.
कांगड़ा पीठ थाने में गौतम परमार को कॉन्स्टेबल ने हड़का दिया

इसके बाद JCP गौतम परमार कांगड़ा पीठ पुलिस स्टेशन पहुंचे. कांगड़ा पीठ में पुलिस कॉन्स्टेबल से कहा,

‘साहब मेरी स्कूटी चोरी हो गई है, उसमें पर्स है और पर्स में मेरा पासपोर्ट है, ये सब कुछ स्कूटी की डिग्गी में था, कम्प्लेन दर्ज करनी है.’

पुलिस कॉन्स्टेबल ने पहले तो गौतम परमार और उनके साथ मौजूद महिला को धमकाना शुरू किया. कहा कि पहले आसपास जाकर खुद स्कूटी ढूंढ कर आओ. ऐसे कम्प्लेन नहीं दर्ज करवायी जा सकती है. इसपर गौतम परमार ने कहा कि डिग्गी में पासपोर्ट है इसलिए कम्प्लेन दर्ज करानी ज़रूरी है.
यह सुनकर कांस्टेबल बोला,

‘आपके पासपोर्ट में कोई गड़बड़ी होगी इसलिए आप पासपोर्ट को गुम दिखाना चाह रहे हो, पहले आप ही को गिरफ्तार करना होगा.’

इसके बाद JCP गौतम परमार ने तुंरत ही इस इलाक़े के एसीपी को बुलाया और कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया.
परमार ने इस तरह थानों में जाने की क्या वजह बताई?

गौतम परमार ने इस तरह थानों में जाकर दौरा करने के पीछे की वजह भी बताई है. खबर के मुताबिक, गौतम परमार का कहना है कि उन्हें इस तरह से थानों में जाकर चेकिंग करने का ख़्याल तब आया जब उनके ही ऑफिस में काम करने वाले एक शख़्स ने उन्हें बताया कि वह पिछले कई दिनों से अपनी बहन के ससुराल वालों के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज करवाने थाने जा रहा है, लेकिन उसकी कम्प्लेन नहीं लिखी जा रही. परमार के मुताबिक इससे उन्हें यह अंदाजा लगा कि जब पुलिस के एक स्टाफ़ का ये हाल है, तो आम आदमी के साथ थानों में क्या होता होगा. इसी को देखने के लिए वे सिविल ड्रेस में महिला कॉन्स्टेबल के साथ पुलिस थाने पहुंचे और वहां जो बर्ताव देखा, उससे काफ़ी दुखी हुए.

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