कोरोना से नहीं, अंधाधुंध दवाएं खाने से हॉस्पिटल पहुंच रहे मरीज

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(काल्पनिक चित्र)

कोरोना से नहीं, अंधाधुंध दवाएं खाने से हॉस्पिटल पहुंच रहे मरीज

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में दवाओं का अंधाधुंध इस्तेमाल जग जाहिर है। संक्रमण के साथ फंगस होना भी अत्यधिक स्टेरॉयड युक्त दवाओं के सेवन की देन है, लेकिन मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर और अन्य तरह की दवाओं के अधिक सेवन का असर भी दिखाई देने लगा है। कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ, लेकिन उसके खौफ में दवाएं खाने से अब बीमार पड़ने लगे हैं। दवाएं खाते-खाते इन्हें यूरिन से संबंधित परेशानी शुरू हुई और फिर जांच में किडनी की बीमारी की पहचान हुई। ऐसे मामले सफदरजंग सहित राजधानी के कई अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं। टीवी या फिर खबरों के अलावा सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रहीं सलाहों पर भरोसा करते हुए इन लोगों ने दवाओं का सेवन किया और अब गंभीर स्थिति होने के चलते इन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ रहा है। मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती सफदरजंग अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु वर्मा का कहना है कि अकेले मल्टी विटामिन लेने से किडनी की दिक्कत नहीं होती है। कई बार लोगों को पता नहीं होता और किडनी की बीमारी उन्हें पहले से रहती है जो बाद में बगैर चिकित्सीय सलाह दवा लेने से बढ़ जाती है। दूसरी स्थिति यह है कि पोस्ट कोविड के तहत भी लोग किडनी की परेशानी लेकर अस्पताल आ रहे हैं। मल्टी विटामिन्स के साथ पैनकिलर या अन्य तरह की दवाओं का सेवन इसे बढ़ाता है। डॉ. वर्मा ने बताया कि सफदरजंग में इन दिनों किडनी से संबंधित परेशानी को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं। इनमें हर तरह की केस हिस्ट्री वाले हैं। कोविड महामारी से पहले जो किडनी से परेशान थे,

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