भीलवाड़ा जिले के रामपुरा आगुंचा में स्थित हिन्दुस्तान जिंक अण्डरग्राउण्ड माईंस में ब्लॉस्टिंग के दौरान मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत हो गयी। परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर हिन्दुस्तान जिंक माईंस आगुंचा के मैन गेट और राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन करते हुए शव उठाने से इंकार कर दिया। परिजनों और आगुंचा माईंस अधिकारियों के बीच चली 5 घण्टे की वार्ता के बाद कहीं जाकर दोनों पक्षों में समझौता हुआ। जिसमें दोनों मृतको के परिजनों को 60-60 लाख रूपये का मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देना तय हुआ। इसके बाद कहीं जाकर शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ।
गुलाबपुरा स्थित हिन्दुस्तान जिंक आगुंचा माईंस में ब्लास्टिंग के बाद खान में काम कर रहे जहाजपुर उपखण्ड के टिटोडी ग्राम जीतमल जाट और नेपाल बहादुर साही गंभीर घायल हो गये। ये दोनों ही श्रमिक एएसी कम्पनी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे। जिनको पहले गुलाबपुरा उपस्वास्थ्य कैन्द्र में भर्ती करवाया गया जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें भीलवाड़ा रैफर कर दिया गया। भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मृतक जीतमल जाट के चाचा शिवराज जाट ने कहा कि मेरा भतीजा आगुंचा माईंस में ऑपरेटर पद पर कार्य करता था। माईंस में हुई ब्लॉस्टिंग के बाद पत्थर की स्लेब मेरे भतीजे जीतमल और उसके साथी बहादुर साही पर गिर गयी। जिसके कारण दोनों गंभीर घायल हो गये। जीतमल के छोटे-छोटे बच्चे है जिसके कारण हम मुआवजे की मांग कर रहे है। जाट महासभा के जिलाध्यक्ष रामेश्वर लाल जाट ने कहा कि जाट महासभा ने हिन्दुस्तान जिंक से मृतकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की थी। इस पर जिंक से दोनों मृतकों के परिजनों को 60 – 60 लाख रूपये व एक परिजन को नौकरी देना तय हुआ है। जिस पर हमने भी सहमती प्रदान कर दी है। गुलाबपुरा थाने के एएसआई नारायण लाल ने कहा कि परिजनों की संतुष्टि के बाद मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर इनके परिजनों को सौंप दिये है।