सूर्य ग्रहण पर हीरे की अंगूठी जैसे चमकता दिखेगा सूर्य..
▪️नासा ने नाम दिया ‘रिंग ऑफ फायर’..
ग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से ढक लेगी.
इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ मास की अमावस्या को 10 जून के दिन गुरुवार को है। इस दिन दुनियाभर के कई देशों में सूर्य हीरे की अंगूठी की तरह चमकता हुआ दिखाई देगा। जिसे नासा ने रिंग ऑफ फॉयर नाम दिया है। यह दुर्लभ नजारा एक खगोलीय घटना है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ग्रह-नक्षत्रों के परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दिन शनि जयंती के साथ ही वट सावित्री व्रत भी है।
हालांकि भारत में इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव आंशिक रूप से होगा, इसीलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। जहां भारत में यह नहीं दिखाई देगा।
वहीं इस दिन दुनियाभर के कई देशों में रिंग ऑफ फॉयर का दुर्लभ नजारा भी दिखेगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से ढक लेगी।
▪️क्या है रिंग ऑफ फायर..
10 जून को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण के दिन दुनियाभर के कई देशों में रिंग ऑफ फॉयर का दुर्लभ नजारा भी दिखेगा।
इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा की परछाई सूर्य के 97 फीसदी हिस्से को पूरी तरह से छुपा लेगी।
जब सूर्य और चंद्रमा बिल्कुल पृथ्वी के सीध में होते हैं। इस दौरान चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य से छोटा होता है। इस कारण सूरज हीरे की अंगूठी की तरह चमकता हुआ नजर आता है।
खगोल वैज्ञानिक इसी घटना को रिंग ऑफ फायर का नाम देते हैं।
▪️कहां-कहां दिखेगा रिंग ऑफ फायर..
नासा के अनुसार रिंग ऑफ फॉयर का सबसे बेतरीन और दिलकश नजारा रूस और कनाडा में देखने को मिलेगा। अमेरिका और ब्रिटेन में यह सूर्यग्रहण आंशिक रूप से ही दिखाई देगा।
स्कॉर्टलैंड में सूर्य का 30 फीसदी, दक्षिणी इंग्लैंड में 20 प्रतिशत और अमेरिका के पूर्वी राज्यों में यह 70 फीसदी तक दिख सकता है। इस दुर्लभ और विचित्र दृश्य को देखने की लालसा सभी के अंदर होगी।
▪️भारत में नहीं लगेगा यह ग्रहण
इस बार लगने वाला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण ग्रहण के पहले लगने वाला सूतक भी मान्य नहीं होगा।
सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद और धार्मिक कार्य बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन, भारत में इसका प्रभाव न होने के कारण 10 जून को मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे।