नेता जुटा रहे धमाधम भीड़ चुनाव प्रचार में नियमों की अनदेखी ।

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नेता जुटा रहे धमाधम भीड़ चुनाव प्रचार में नियमों की अनदेखी ।

🔴सरकार की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण कोरोना जैसी महामारी विकराल रूप लेती जा रही है।
सरकार लोगो से तो आग्रह कर रही है कि दूरी बनाए रखें और मास्क पहन कर रखें, लेकिन मंत्री और नेता चुनाव-प्रचार के दौरान इन नियमों का ध्यान नहीं रखते। अगर मंत्री और नेता सरकार के बनाए नियमों की पालन करें, तो आम जनता को भी प्रेरणा मिलती है।

🔴 कथनी और करनी में अंतर है सरकार की ।

कथनी और करनी में अंतर से कोरोना बढ़ा है। चुनाव को देखते हुए बड़ी सभाएं हो रही हैं। इनमें कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही। इससे कथनी और करनी में अंतर स्पष्ट हो जाता है।

🔴 चुनावी घमासान में कोरोना का ध्यान ही नहीं ।

जिन पांच राज्यों में चुनावी माहौल हैै, वहां रैलियों में जनसैलाब देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी को भी कोरोना की दूसरी लहर का कोई डर नहीं। इन राज्यों में कोरोना गाइडलाइन की जिस तरह से धज्जियां उड़ रही है, उससे सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई देता है।

🔴 नेता जुटा रहे हैं भीड़

मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों मे ना जाना प्रमुख रूप से कोरोना से बचाव की गाइडलाइन हैं। केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रियों द्वारा विभिन्न राज्यों की चुनावी रैलियों में पूरी तरह से इन नियमों की अवहेलना की जा रही है। अपनी चुनावी सभाओं मे लाखों की भीड़ जमा करना वाले नेता कोरोना की गाइडलाइन पर ध्यान ही नहीं दे रहे। इससे सरकारों की कथनी और करनी मे अंतर जाहिर है।

🔴 आम जनता भी लापरवाह है ।

सामान्यत: देखने में आया है कि कोरोना संक्रमण की पहली लहर के समय लोग सावचेत थे। इससे संक्रमण में कमी आयी, लेकिन जनता के लापरवाह होनेे के कारण फिर से संक्रमण में वृद्धि हुई है। लोग सब कुछ जानते-समझते हुए भी नादानी कर रहे हैं। सरकार की ओर से खूब गाइडलाइन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और कहा जा रहा है कि
चिकित्सा व्यवस्था मजबूत करने से लेकर मानव संसाधन की पूर्ति पर ध्यान दिया गया है।
🔴 मुश्किल यह है कि आमजन लापरवाह हो चला है।
आम व्यक्ति मास्क नहीं लगाना, दो गज की दूरी रखना, सैनेटाइजेशन आदि भूल गया है। सरकार के द्वारा सख्ती बरती जा जा रही है। चालान काटे जा रहे है, परन्तु आमजन अब भी नही समझ रहा है।
हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है ।

🔴 सरकार की कथनी और करनी में अंतर के कारण तो कोरोना बढ़ा ही है, साथ ही साथ लोगों की जन जागरूकता की कमी एवं उदासीन रवैए ने भी कोरोना के संक्रमण को बढ़ाया है। सिर्फ अकेले सरकार को दोषी नहीं माना जा सकता है। कोरोना जैसी बीमारी की लड़ाई में हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है।

🔴 सरकारी कार्मिक ही नहीं लगाते मास्क ।

सरकार के दिए हुए स्लोगन नो मास्क, नो एंट्री की पालना सरकारी कार्मिक भी नहीं कर रहे हैं। अगर सरकारी कार्मिक खुद मास्क लगाएं, तो लोगों में जागरूकता आ सकती है। हालत यह है कि कही कही सरकारी बिल्डिंग में सैनिटाइजर की भी व्यवस्था नहीं है।

🔴 प्रभावी नीति नहीं
नाइट कर्फ्यू लगाने से कोई फायदा नहीं है।

रात में तो लोग वैसे भी घर पर रहते हैं और मिलना-मिलाना तो दिन में होता है। लॉकडाउन लगाने के फैसले में भी स्थिरता नहीं है। सब एक-दूसरे को आदेश दे रहे है। अत: सरकार को सभी की सहमति से प्रभावी नीति बनानी चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए।

🔴 राजनीतिक दलों की मनमानी ।

भारत में कोरोना बढऩे का बहुत बड़ा कारण सरकार और राजनीतिक दलों की मनमानी है। आम जनता से जुड़े मामलों में तो बहुत बंदिशें लगाई गईं, लेकिन चुनावी रैलियों को नहीं रोका गया।
🔴 लापरवाही पड़ रही भारी
हाल ही मे कोरोना संक्रमण बढऩे के पीछे आम लोगों की लापरवाही भी सामने आई हैं। सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाना व मौज-मस्ती में घूमना तो लोगों की फितरत है। यदि हम यूं ही सरकार का सहयोग न कर केवल मनमानी ही करते रहेंगे, तो आने वाला समय ज्यादा मुश्किल भरा होगा। हमारे नेता और मंत्रियों को भी सोचना होगा की भीड़ जुटाना गलत है। कानून की पालना करना सभी का कर्तव्य हैं।

🔴 होम क्वारंटीन में ढिलाई पहले घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करती थी। कोरोना संक्रमितों की हालत के बारे में फोन से जानकारी ली जाती थी। अब ये सब बंद होने के कारण भी आंकड़े भयावह हो रहे हैं। होम क्वारंटीन के मामलों में ढिलाई नजर आ रही है। इसका खमियाजा दूसरे लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

🔴 हाल भीलवाड़ा जिले का भी जान लीजिए ।
भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा में 17 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रचार-प्रसार के लिए लाइडलाइन जारी की है. लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी गाइडलाइन की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. उनकी सभाओं, रैलियों और नुक्कड़ सभाओं में लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है. जिसमें ना तो वो मास्क लगाये रहते हैं ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता है.
🔴 बड़े-बड़े नेता स्टार प्रचारक कर रहे हैं दौरा और रैलियां ।

प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी व राजनेता अपने-अपने प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा व नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे हैं. इनमें शामिल होने वाले लोग और ना ही राजनेता चुनाव आयोग की कोरोना गाइडलाइन का पालन करते नजर आ रहे हैं. भीलवाड़ा देश का पहला कोरोना हॉटस्पॉट बना था. एक बार फिर से प्रदेश में कोरोना केसों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है. जिसके चलते आशंका जताई जा रही है कि क्या भीलवाड़ा फिर से कोरोना का हॉटस्पॉट तो नहीं बन जायेगा.
🔴 स्थानीय लोगों का कहना है।
कि कोरोना गाइडलाइन सिर्फ आम लोगों के लिए होती है. राजनेता इसका पालन नहीं करते हैं. पुलिस भी आम लोगों पर ही कार्रवाई करती हैं. और नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
राजनेता भले ही ये कहते नजर आये हों कि वो अपनी तरफ से कोरोना गाइडलाइन की पालना कर रहे हैं. लेकिन स्थितियां बिल्कुल इसके उलट हैं. प्रचार के दौरान ना तो नेता और ना ही कार्यकर्ता गाइडलाइन की पालना कर रहे हैं. ऐसे में अब चुनाव आयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं कि गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले नेताओं पर कार्रवाई कब की जायेगी.
🔴 और हम सभी को भी शोचना होगा कि मात्र सरकार और भगवान के भरोसे जीने की गलतफहमी छोड़ें, तभी हम बचेंगे।
इम्यूनिटी बढ़ाने पर ध्यान दें
कोरोना से लड़ाई के लिए लॉकडाउन जैसे उपाय व्यर्थ हैं। बेहतर तो यह है कि मास्क पहनें। दो गज की दूरी और हाथ धोने पर ध्यान दें। बीमारी में दवा लें। कोरोना से हमारे शरीर की इम्यूनिटी ही लड़ सकती है। इसलिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम और खान-पान पर ध्यान देना चाहिए।

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