रिपोर्ट- श्रेयांश शुक्ला
एलोपैथी की प्रतिबंधित दवाएं लिखकर मरीजों की जान से खिलवाड़, झोलाछाप पर एफआईआर
भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीयन के बगैर क्लीनिक खोलकर एलोपैथी की एच शेड्यूल की प्रतिबंधित दवाएं लिखकर कोरोना के संक्रमण काल में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है।
गोरखपुर थाने में एक झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर दूसरी बड़ी कार्रवाई घमापुर में हुई और पुलिस ने बिहार के फर्जी संस्थान की डिग्री के आधार पर चिकित्सा व्यवसाय करने वाले झोलाछाप के विरुद्घ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश प्रारंभ कर दी। इधर, गोरखपुर पुलिस भी एफआईआर दर्ज करने के बाद झोलाछाप की तलाश में जुटी हुई है।
दो जगह खोल रखी थी दुकान
घमापुर थाना प्रभारी शैलेष मिश्रा ने बताया कि डॉ. जितेन्द्र सिंह वर्मा द्वारा कांचघर चौक से शीतलामाई रोड पर तथा कांचघर से चुंगी चौकी रोड पर दुकान खोलकर चिकत्सा व्यवसाय किया जा रहा था। मुख्य चिकत्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा के निर्देश पर झोलाछाप डॉक्टरों की जांच के लिए गठित टीम के सदस्यो डॉ. राधावल्लभ चौधरी, डॉ. धीरज दवंडे व मीडिया अधिकारी अजय कुरील ने जब डॉ. जितेन्द्र वर्मा के औषधालयों की जांच पड़ताल की तो पता चला कि वह बिहार के एक फर्जी संस्थान मेडिकल काउंसिल आफ पेटेंट मेडिसन सोसायटी की डिग्री के आधार पर अनाधिकृत रूप से चिकत्सा व्यवसाय कर रहा है। टीम ने दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि वह गैर कानूनी तौर पर मरीजों के परचे पर एलोपैथी दवाएं लिख रहा है।