दण्ड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन मतदान के समापन से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान गैरकानूनी सभाओं पर प्रतिबंध और सार्वजनिक बैठकों पर रहेगी रोक
जिला मजिस्ट्रेट श्री आशीष मोदी ने आदेश किये जारी
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाडा/22 नवम्बर
विधानसभा आम चुनाव 25 नवम्बर को होने जा रहे है। मतदान के अंतिम 48 घंटे पहले निर्वाचन तंत्र के लिये, न केवल निर्वाचन के दिन योजना के परिप्रेक्ष्य से, बल्कि स्वतंत्र व निष्पक्ष मतदान के लिए कानून और व्यवस्था तथा अनुकूल वातावरण के निर्माण के दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत मतदान के समापन हेतु नियत समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घंटो की पूर्व अवधि में निर्वाचन प्रचार अभियान समाप्त हो जाएगा। इसलिए, इस अवधि में अनिवार्य रूप से वह अवधि सम्मिलित होती है जब सार्वजनिक सभाओं आदि के माध्यम से सभी निर्वाचन प्रचार कियाकलाप रोक दिये जाते है। हालांकि मतदान-बद्ध क्षेत्रों में कड़ी निगरानी बनाये रखने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अवांछित तत्व गैरकानूनी/अवैधानिक गतिविधियों जैसे कि राजनैतिक लाभ हासिल करने के लिए मतदाताओं को अनावश्यक रूप से प्रेरित करने और प्रभावित करने के लिए नगद, उपहार, शराब आदि के अवैध वितरण आदि में सलग्न नहीं हो पाये।
इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट श्री आशीष मोदी द्वारा जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष, भय मुक्त मतदान सम्पन्न कराने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत आदेश जारी किये गये है कि :-
1. दण्ड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन, मतदान के समापन 25 नवम्बर (शनिवार) समय सायं 06.00 बजे से 48 घंटे पूर्व 23 नवम्बर (गुरुवार) सायं 06.00 बजे (मतदान समाप्ति तक) की अवधि के दौरान गैरकानूनी सभाओं पर प्रतिबंध और सार्वजनिक बैठकों पर रोक लगाने के संबंध में आदेश जारी किये जाते है, जो मतदान/निर्वाचन-बद्ध क्षेत्रों के लिए लागू होंगे।
2. निर्वाचन क्षेत्र के भीतर 23 नवम्बर (गुरुवार) सायं 6.00 बजे से 26 नवम्बर (रविवार) सायं 06.00 बजे तक यह आदेश प्रभावी रहेगा।
3. दण्ड प्रकियां संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत प्रतिबंधित क्षेत्र में 5 से अधिक लोगो के इकट्ठा होने/एक साथ आवाजाही करने की अनुमति नहीं है तथापि घर-घर जाकर प्रचार अभियान के संबंध में 48 घण्टों के दौरान द्वार से द्वार भ्रमण प्रतिबंधित नहीं होगा।
उक्त निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन किये जाने पर संबंधित क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही संस्थित की जा सकेगी।