भाग्य और मेहनत जब दोनों साथ दे तो ऐसा ही होता है पति-पत्नी एक साथ बने कलेक्टर
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
मेहनत और लगन के दम पर हर मुकाम हासिल किया जा सकता है बस ईमानदारी से मेहनत की जाए यह बात सटीक बैठती है 2 आईएएस अधिकारियों पर जो पति-पत्नी है ।
आइए जानते हैं इन 2 आईएएस अधिकारियों के बारे में
6 ठीं कक्षा में फेल हुई थीं UPSC टॉपर रहीं श्रीगंगानगर की कलेक्टर रुकमणी रियार
आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान कैडर के आईएएस रुकमणी रियार व सिद्धार्थ सिहाग की । ये पति-पत्नी हैं।
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में आईपीएस पति डॉ. विकास पाठक व पत्नी प्रीति चंद्रा के बाद अब आईएएस पति सिद्धार्थ सिहाग व पत्नी रुकमणी रियार चर्चा में हैं । IPS दंपति एक साथ डीआईजी बने थे तो IAS कपल को निकटवर्ती जिलों में कलेक्टर बनाया गया है ।
हम बात कर रहे हैं राजस्थान कैडर के आईएएस रुकमणी रियार व सिद्धार्थ सिहाग की। ये पति-पत्नी हैं। राजस्थान सरकार कुछ समय पहले 52 आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है, जिसमें आईएएस सिद्धार्थ सिहाग को चूरू और आईएएस रुकमणी रियार को श्रीगंगानगर में जिला कलेक्टर पद पर लगाया है ।
आईएएस अधिकारी रुकमणी रियार मूलरूप पंजाबसे के चंडीगढ़ की हैं ।इनके पिता बलजिंदर सिंह रियार पंजाब के होशियारपुर में डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहे हैं । रुकमणी रियार ने अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में सोशल एंटरप्रेन्योरशिप में पोस्ट ग्रेजुएशन किया । प्लैनिंग कमिशन ऑफ इंडिया में इंटर्नशिप करने वाली रुकमणी रियार मैसूर और मुंबई के एनजीओ में भी काम कर चुकी हैं ।
असफलता को बनाया ताकत, 24 की उम्र में पास की यूपीएससी
12 जून 1987 को जन्मी रुकमणी रियार ने शुरुआती शिक्षा होशियारपुर के स्कूल से की । सूत्रों की माने तो कहा जाता है कि ये कक्षा 6 में फेल हो गई थीं । बचपन में मिली असफलता को रियार ने ताकत बनाया और फिर महज 24 साल की उम्र में ही यूपीएससी परीक्षा 2011 में पास कर डाली और राजस्थान कैडर की आईएएस बन गईं । रुकमणी रियार ने CSE 2011 में AIR 2 पाई थी ।
रुकमणी रियार की पदस्थापनाऐ
आरआर 2012 बैच की आईएएस अधिकारी रुकमणी रियार का ADDITIONAL COMMISSIONER (INVESTMENT & NRIS), BIP AND EXECUTIVE DIRECTOR, RIICO, JAIPUR पद से 16 जनवरी 2022 को श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर पद पर ट्रांसफर किया गया है । इससे पहले संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी, बूंदी जिला कलेक्टर, डूंगरपुर जिला परिषद सीईओ, आईटी में अतिरिक्त आयुक्त, बांसवाड़ा एसडीएम के रूप में भी सेवाएं दे चुकी हैं ।
आईएएस सिद्धार्थ सिहाग का जीवन परिचय
आईएएस अधिकारी सिद्धार्थ सिहाग मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं । हरियाणा के हिसार जिले के अग्रोहा ब्लॉक के गांव सिवान बोलन में 20 जनवरी 1987 को जन्मे सिद्धार्थ सिहाग जज के बाद आईएएस बनने में सफल रहे हैं । एलएलबी के बाद इनका चयन दिल्ली न्यायिक सेवा में हुआ । दिल्ली में मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट बने । इनके पिता दिलबाग सिंह सिहाग हरियाणा में चीफ टाउन प्लानर अफसर के पद से रिटायर हुए हैं । जबकि भाई सिद्धांत दिल्ली में जज हैं ।
आईपीएस के रूप में हुआ था चयन
हरियाणा के बेटे सिद्धार्थ सिहाग मेधावी रहे हैं । आईएएस से पहले इनका आईपीएस में भी चयन हो गया था। साल 2010 में सिद्धार्थ सिहाग को 148 वीं रैंक मिली और आईपीएस कैडर अलॉट हुआ । हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की और UPSC की CSE 2011 में AIR 42 रैंक पाकर आईएएस बन गए ।
सिद्धार्थ सिहाग की
पदस्थापनाऐ
साल 2021 में चूरू जिले के नए जिला कलेक्टर बने सिद्धार्थ सिहाग इससे पहले करौली और झालावाड़ में भी जिला कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं । इसके अलावा उदयपुर MUNICIPAL CORPORATION में आयुक्त, डूंगरपुर में एसडीएम भी रहे हैं ।