बिना टिकट यात्रा करना अब पड़ेगा बहुत महंगा, 10 गुना वसूला जायेगा किराया
राजस्थान रोडवेज की बसों में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर अब कड़ा अंकुश लगा दिया गया है. अब रोडवेज में बिना टिकट यात्रा करने पर यात्री से किराये के अलावा 10 गुना जुर्माना राशि वसूली जायेगी.
राजस्थान रोडवेज के बेड़े में वर्तमान में 3100 रोडवेज की और 800 अनुबंध की बसें शामिल हैं.
*जयपुर*. राजस्थान रोडवेज में अब बिना टिकट यात्रा करना आपको काफी महंगा पड़ेगा. राजस्थान राज्य पथ परिवहन सेवा (बिना टिकट यात्रा-निवारण) (संशोधन) विधेयक, 2021 को बुधवार को राज्य विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है. इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद अब रोडवेज की बसों में बिना टिकट वाले यात्रियों से किराया राशि के साथ-साथ किराया राशि का 10 गुणा या 2000 रुपये जो भी दोनों में से कम हो अधिभार वसूल किया जा सकेगा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संशोधन विधेयक बुधवार को सदन में पेश किया था.
विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए खाचरियावास ने कहा कि इस विधेयक के जरिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में बिना टिकट यात्रा करने वालों पर अंकुश लगेगा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि राजस्थान रोडवेज के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार वर्तमान सरकार ने एक ही बार में 900 नई बसें खरीदकर बस संचालन को मजबूत किया. उन्होंने कहा कि आगे अब 500 नई बसें खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. खाचरियावास ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि गत सरकार में तो राजस्थान रोडवेज को बंद करने की तैयारी की जा चुकी थी.
बसों के किराये में कोई इजाफा नहीं किया हैखाचरियावास ने कहा कि मौजूदा सरकार ने रोडवेज बसों के किराये में कोई इजाफा नहीं किया है. इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले अभ्यार्थियों को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा कराने का बड़ा फैसला लेकर राहत प्रदान की गई है. वर्तमान सरकार ने कोरोना काल में पैदल चल रहे हजारों लोगों को रोडवेज की बसों के जरिए घरों तक पहुंचाया था.
रोडवेज पिछले कई बरसों से घाटे से जूझ रही हैउल्लेखनीय है कि राजस्थान रोडवेज के बेड़े में वर्तमान में 3100 रोडवेज की और 800 अनुबंध की बसें शामिल हैं. लेकिन कोरोना काल में फिलहाल केवल 3200 बसों का ही संचालन किया जा रहा है. राजस्थान रोडवेज पिछले कई बरसों से घाटे से जूझ रही है. राजस्थान में यात्रियों के लिये लाइफ लाइन मानी जाने वाली रोडवेज के कर्मचारियों को कई बार समय पर तनख्वाह तक नहीं मिल पाती है. वहीं रोडवेज से सेवानिवृत्त हो चुके सैंकड़ों कर्मचारी अपने बकाया भुगतान के लिये तरस रहे हैं.