किसानों के ऊपर फिर मंडराया समस्याओं का बादल

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रिपोर्ट – संजय मेहता

किसानों के ऊपर फिर मंडराया समस्याओं का बादल

केलवाड़ा- क्षेत्र में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं धरतीपुत्र अपने खून पसीने से धरती को सिंचित कर फसल घर तक लाने की कवायद में लगा हुआ है वही प्रकृति का कहर और सरकार की उदासीनता के चलते क्षेत्र में किसानों के हालात चिंतनीय हो गए हैं आज हम बात कर रहे हैं केलवाड़ा कस्बे से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित खांखरा लक्ष्मीपुरा जैसवां, सुंडा, चैनपुरा गांव की । चैनपुरा गांव में तो कई सालों से पेयजल समस्या का बादल मंडरा रहा है ग्रामीण दूरदराज से पेयजल आपूर्ति करते हैं ऐसे में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं है लंबे समय से क्षेत्र के किसान एक डैम की मांग करते आ रहे हैं यदि क्षेत्र में डैम का निर्माण हो जाता है तो किसानों के लिए इससे बड़ी सुखद खबर नहीं होगी क्षेत्रीय किसानों ने सैकड़ों बार ज्ञापन दिए परंतु सरकार के कानों में जू तक रेंगता नजर नही आया क्षेत्र के किसानों के हालात बहुत ही दयनीय हो गए हैं।

की फसल खेतों में सूख गई है एक तो कॉरोना काल में किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहा है प्रकृति का कहर क्षेत्र में बारिश ना के मात्र होना किसानों के लिए एक अभिशाप बनकर सामने आ रही है आज किसान की बहुत सोचनीय दयनीय स्थिति में दिखाई दे रहा है इसका कारण है सरकार की उदासीनता और बारिश की असमानता। वैसे भी इस क्षेत्र में किसान एक ही फसल पैदा कर पाते थे इस बार बारिश नहीं होने के कारण किसानों की इस सीजन की फसलें भी नष्ट होने के कगार पर है सोयाबीन की फसल का एवरेज देखे तो लागत से भी कम नजर आ रहा है देखते-देखते किसान कर्ज में डूबता नजर आ रहा है समय रहते क्षेत्र में सिचाई का विकल्प तैयार नहीं किया गया तो यहां के किसानों को पलायन करना पड़ सकता है।

लक्ष्मीपुरा के किसानो द्वारा पानी के अभाव के चलते खेतो में खड़ी धान की फसल सूखने लगी है सुखी फसलो को किसानो द्वारा पशुओ के हवाले छोड़ दिया है। एक समय ऐसा भी था जब यहाँ के किसान अपने खेतो से तीन तीन फसले लिया करते थे और आज हालात ये है कि एक फसल पैदा करना भी मुश्किल हो गया है। पानी की समस्या के चलते अब अगली फसल नही बोई जायेगी क्षेत्र की हजारो बीघा भूमि खाली पड़ी रहेगी।

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