किसान अपना शेड्यूल देखकर मंडी में बाजरा लेकर आएं : उपायुक्त
मुख्यालय द्वारा हर रोज दोपहर बाद डाली जाती है सूची
रिपोर्ट-विनोद शर्मा
नारनौल। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा बेचने के लिए किसानों को अपने शेड्यूल के अनुसार मंडियों में बाजरा लेकर आना है। शेड्यूल देखने के लिए जिला के किसान फसल डॉट हरियाणा डॉट जीओवी डॉट ईन वेबसाइट पर जाकर सूची देख सकते हैं। इसके अलावा एक दिन पहले किसानों के मोबाइल पर एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त आरके सिंह ने बताया कि जिला में किसानों को बाजरा बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही गलत तरीके से किसी का भी बाजरा नहीं खरीदा जाएगा। राज्य सरकार ने बहुत ही बेहतरीन व्यवस्था किसानों के लिए की है ताकि मंडी में वे अपने शेड्यूल के अनुसार बाजरा लेकर आ सके। इस तरह की व्यवस्था करने वाला हरियाणा प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां इस प्रकार से शेड्यूल के अनुसार किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदा जा रहा है।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे बाजरा लेकर आते समय यह सुनिश्चित करें कि बाजरे की गुणवत्ता सही हो। उसे अच्छी प्रकार से सुखा कर लाएं ताकि मंडी में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने बताया कि दिए गए समय अनुसार ही किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आएं। दोपहर बाद लेकर आने का शेड्यूल है तो दोपहर बाद ही लेकर आएं ताकि सामाजिक दूरी बनी रहे।
डीसी ने बताया कि सभी मंडियों में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सभी प्रकार के इंतजाम किए गए हैं। सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए ही शेड्यूल के अनुसार किसानों को बुलाया गया है ताकि एक ही दिन भीड़ ना हो। इसमें सभी किसान अधिकारियों का पूर्ण सहयोग करें तथा सामाजिक दूरी बनाए रखें और मंडियों में मास्क पहनकर आएं।
उन्होंने बताया कि सभी किसान अपने मोबाइल से या अपने कंप्यूटर से हर रोज https://fasal.haryana.gov.in/ mandireport पर क्लिक करके अपने शेड्यूल की जानकारी लें। उन्होंने बताया कि मुख्यालय द्वारा हर रोज दोपहर बाद अगले दिन की सूची जारी की जाती है। किसान हर रोज दोपहर बाद यह सूची इस साइट पर जाकर देख सकते हैं। इसी प्रकार एक दिन पहले ही किसानों से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें क्रमांक , गांव , किसान की आईडी , किसान का नाम , गेट पास आईडी , गेट पास डेट , दोपहर से पहले या दोपहर के बाद , फसल , वजन , गेट पास जारी करने की तिथि के अलावा फर्म का नाम आता है। फर्म का नाम तभी आता है जब फसल पंजीकरण के दौरान किसान ने उसका फर्म का नाम भरा हो।
डीसी ने बताया कि खरीद कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। सभी मंडियों में पटवारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है ताकि गिरदावरी के अनुसार किसान की फसल मंडी में खरीदी जाए।