साइबर क्राइम थाना की टीम ने गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं को साइबर अपराधों के बारे में किया जागरूक।

गौरव रक्षक/ विनोद शर्मा

05 अप्रैल/ महेंद्रगढ़

साईबर अपराध जागरूकता अभियान के तहत जिले के सभी थाना की पुलिस टीमों ने अपने–अपने थाना क्षेत्र में लोगों को किया जागरूक।

साईबर अपराधों से बचाव व साईबर ठगी के तरीकों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया।

साईबर अपराध का शिकार होने पर अपनी शिकायत तुरंत साईबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।

साइबर जागरूकता अभियान के तहत साइबर क्राइम थाना महेंद्रगढ़ की टीम द्वारा युवाओं, विद्यार्थियों, आमजन को साइबर अपराध के जागरूक किया गया। पुलिस टीम ने राजकीय महिला महाविद्यालय और बस स्टैंड नारनौल पर साइबर जागरूकता अभियान चलाया। पुलिस ने इस दौरान छात्राओं और आमजन को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करते हुए बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी।

पुलिस की टीम द्वारा लोगों को, साईबर अपराधी किस प्रकार से साईबर अटैक करके लोगों को अपना शिकार बनाते हैं तथा उन्हें मानसिक, आर्थिक व सामाजिक नुकसान पहुँचाते हैं, के बारे में जानकारी दी गई और इन अपराधों से कैसे बचाव करें, इत्यादि के बारे में बताकर जागरूक किया गया। साथ ही साईबर अपराध का शिकार होने पर अपनी शिकायत तुरंत साईबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करने के बारे में बताया गया। इस दौरान साइबर क्राइम थाना की टीम और राजकीय महिला महाविद्यालय से उपप्राचार्य डॉ आरपी सिंह, डॉ ममता शर्मा, डॉ पूनम यादव, डॉ गिरीश यादव और कॉलेज की छात्राएं मौजूद रही।

पुलिस टीम ने बताया कि आधुनिकता के युग में आज हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो गया है। जिसके कारण आम नागरिकों को जहाँ इसका बहुत लाभ हुआ है, वहीं अपराधी किस्म के लोग इसमें सेंध लगाकर साइबर क्राइम कर आमजन के साथ रोज नित नए तरीके अपनाकर फ्रॉड कर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए हम सबको मिलकर सांझा प्रयास करने होंगे। पुलिस ने युवाओं, विद्यार्थियों, आमजन को बताया कि वे किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोलें और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करें।

टीम ने छात्राओं को बताया कि आज के जमाने में सोशल मीडिया के बारे में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जानकारी रखते हैं। सोशल मीडिया का ईजाद एक दूसरे से इंटरेक्शन, नए दोस्त बनाना, अपने टैलेंट को घर में बैठकर पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए किया गया था। लेकिन अब सोशल मीडिया का उपयोग साइबर ठगी, साइबर बुलिंग, साइबर स्टॉकिंग, ब्लैक मेलिंग जैसे मामलों में ज्यादा हो रहा है। आज के समय में सोशल मीडिया एक हथियार के रूप में सामने आया है।

इस दौरान टीम ने सोशल मीडिया के जरिए हो रहे क्राइम से बचने के कई तरीके भी बताए। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन अपराध से बचने का सबसे पहला तरीका ये है कि कोई व्यक्ति आपसे दोस्ती करना चाहता है या आपसे चैट करना चाहता है पहले यह देखिए कि क्या आप उस व्यक्ति को जानते हैं। अज्ञात व्यक्ति को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में ना जोड़ें। इसके अलावा किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें, अपना पासवर्ड किसी के साथ भी शेयर ना करें, सोशल मीडिया प्रोफाइल का मुश्किल पासवर्ड सेट करें। अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें। ऐसे कई उपाय करके इस तरह के क्राइम से बच सकते हैं।

उपप्राचार्य डॉ आरपी सिंह ने छात्राओं को बताया कि साइबर क्राइम के शिकार होने के बाद कैसे अपनी शिकायत दर्ज करवाएं, कहां पर फोन करें आदि जानकारी दी और बताया कि साइबर क्राइम को जागरूकता के द्वारा ही दूर कर सकते हैं। इसलिए सबको ज्यादा से ज्यादा इसके बारे में जागरूक होना है और आगे समाज में औरों को भी जागरूक करना है।

साइबर अपराध होने पर साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 पर काल करें। साथ ही बताया की साइबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://www.cybercrime.gov.in पर या नजदीकी थाना/चौकी में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 1930 पर तुरंत शिकायत करने पर आपका पैसा सुरक्षित वापस आ सकता है।

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