अनुराग वर्मा ने फिर साबित किया वे जनता के कलेक्टर है

अनुराग वर्मा ने फिर साबित किया वे जनता के कलेक्टर है

गौरव रक्षक/शिव भानु सिंह

सतना 7 जून:
नहीं काम आई जनविरोधी तहसीलदार की नेतागिरी
सतना – यह सतना का सौभाग्य है कि जिले को प्रमोटी कलेक्टर एसपी से छुटकारा मिला है । प्रमोटियों के चलते जनता का नुकसान हो रहा था । प्रमोटी से अपना हित साधने के चक्कर में नेताओं के चमचे बनकर ही रह जाते हैं । वैसे अजय कटेसरिया डायरेक्टर आईएएस थे लेकिन पैसे की भूख ने उन्हें प्रमोटियो से गया गुजरा बना दिया था । अब बहुत दिनों बाद डायरेक्ट आईएएस अनुराग वर्मा व डायरेक्टर आईपीएस आशुतोष गुप्ता के हवाले जिला है । डायरेक्टर सिविल सर्विस वाले अधिकारी किसी के दबाव में नहीं आते हुए अपने विवेक व संविधान के दायरे में रहकर काम करते हैं । आंकड़े बताते हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों में प्रमोटियों की भरमार होती है ।
कोटर तहसीलदार को कलेक्टर ने बनाया दफ्तरी
अपने रसूख के दम पर मीडिया व जनता को मच्छर समझने वाले कोटर के प्रभारी तहसीलदार प्रदीप तिवारी को कलेक्टर अनुराग वर्मा ने उनकी जमीन दिखाते हुए कलेक्ट्रेट में दफ्तरी बना दिया । कलेक्टर ने दिखा दिया कि जिले में मनमानी और भर्रे शाही नहीं चलेगी , उनके निर्णय से क्षेत्र की जनता प्रसन्न है । इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि अगर जनता के प्रति जवाबदेही व दर्द को समझने वाला प्रशासन ही नेतृत्व हो तो नेताओं की पसंद नामी हो जाती है प्रशासनिक हलकों में आलू की साग कही जाने वाली सविता यादव को प्रभाव सौंपा गया है ।
कलेक्टर की भूमिका में कुछ फर्जी पत्रकार – ??
सतना – सतना में जो कुछ हो जाए वो कम है , क्योंकि यह जिला संविधान , नियम कायदे कानून से कम गैरकानूनी तरीकों से अधिक चलता है । इन दिनों अधिकारी फर्जी पत्रकारो से परेशान है । हमारे घूमते आईने ने पाया कि फर्जी पत्रकार आज कल सरकारी दफ्तरों में अचानक वीडियोग्राफी करने लगते हैं और फोटो खींचकर कर्मचारियों को चमकाने धमकाते हैं । इन नकली पत्रकारों को यह नहीं पता कि अधिकारियों कर्मचारियों को फील्ड में भी जाना पड़ता है, कलेक्टर की टी.एल सहित विभिन्न बैठकों के अलावा फाइलों में साइन करवाने में भी जाना पड़ते है । वहीं कर्मचारियों को विभागीय कोर्ट कचहरी भी करनी पड़ती है साथ अपने अधिकारियों के निर्देशों पर नोटिस तमीली सहित कई काम करने पड़ते हैं । लेकिन अगर इतना ज्ञान होता तो घूमता आइना को इन्हें फर्जी पत्रकार नहीं लिखना पड़ता । कार्यालयों का निरीक्षण करना कलेक्टर का काम है, अब अनुराग वर्मा को बताना पड़ेगा कि भाई कलेक्टर मैं हूं तुम कहां से आ गए ।

इस ब्लॉग में शिव भानु सिंह बघेल  के निजी विचार है इन विचारों से गौरव रक्षक न्यूज़ वेबसाइट का कोई लेना देना नहीं है ।

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